- जो शिरडी में आयेगा, आपद दूर भगाएगा ।। 1 ।।
- चढे समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुःख की पीढ़ी पर ।। 2 ।।
- त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त-हेतु दौड़ा आऊंगा ।। 3 ।।
- मन में रखना दृढ़ विश्वास, करें समाधि पूरी आस ।। 4 ।।
- मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो ।। 5 ।।
- मेरी शरण आ खाली जाये, हो तो कोई मुझे बताये ।। 6 ।।
- जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रुप हुआ मेरे मन का ।। 7 ।।
- भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा ।। 8 ।।
- आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वह नही हैं दूर ।। 9 ।।
- मुझ में लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया ।। 10 ।।
- धन्य-धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य ।। 11 ।।